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ऊर्जा अन्वेषण पर वैश्विक मंथन — जयपुर में 26 से 28 अक्टूबर तक “एसपीजी 2025 – रॉक टू क्लाउड” सम्मेलन

जयपुर | 25 अक्टूबर 2025: तेल और गैस अन्वेषण के क्षेत्र से जुड़े विश्व के शीर्ष भूवैज्ञानिक और ऊर्जा विशेषज्ञ जयपुर में एकत्र हो रहे हैं। सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिसिस्ट्स (SPG) द्वारा आयोजित 15वें अंतरराष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी “SPG 2025 – Rock to Cloud: Geo-Exploration Empowering Energy Evolution” का आयोजन 26 से 28 अक्टूबर तक नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर और जेईसीसी जयपुर में आयोजित किया जा रहा है ।​


विषय: रॉक टू क्लाउड – ऊर्जा विकास की दिशा में नवाचार

इस बार सम्मेलन का विषय “रॉक टू क्लाउड” पारंपरिक भूविज्ञान से लेकर अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक तक की परिवर्तन यात्रा को दर्शाता है। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि वैज्ञानिक आंकड़ों, क्लाउड एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये ऊर्जा संसाधनों की खोज और उत्पादन को कैसे अधिक प्रभावी, सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जा सकता है ।​


उद्घाटन सत्र

सम्मेलन का उद्घाटन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन, आईएएस करेंगे। इस अवसर पर ओएनजीसी के चेयरमैन एवं सीईओ और एसपीजी इंडिया के मुख्य संरक्षक श्री अरुण कुमार सिंहऑयल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रंजीत राठ, और एसपीजी इंडिया के अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे ।​


सम्मेलन की चर्चाएँ और प्रदर्शनी

तीन दिवसीय इस वैश्विक आयोजन में चार उच्चस्तरीय पूर्ण सत्र, 30 से अधिक तकनीकी चर्चाएँ, एक हिंदी सत्र, और कई आमंत्रित व्याख्यान होंगे। प्रदर्शनी में देश-विदेश की अग्रणी तेल एवं गैस कंपनियाँ, सेवा प्रदाता और तकनीकी संस्थान अपने नवीनतम वैज्ञानिक शोध, उपकरणों और डिजिटल समाधानों का प्रदर्शन करेंगे ।​


ऊर्जा परिवर्तन में भूविज्ञान की भूमिका

विशेषज्ञ इस सम्मेलन में इस बात पर मंथन करेंगे कि पारंपरिक ‘रॉक साइंस’ को डिजिटल ‘क्लाउड टेक्नोलॉजी’ के साथ जोड़कर भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थायित्व को कैसे मज़बूत किया जा सकता है।
अध्ययन बताते हैं कि वैश्विक ऊर्जा मांग वर्ष 2045 तक 25% तक बढ़ने का अनुमान है, जबकि भारत में यह मांग 2040 तक लगभग दोगुनी हो सकती है। इस पृष्ठभूमि में ऊर्जा अन्वेषण, उत्पादन और प्रबंधन में वैज्ञानिक नवाचार निर्णायक भूमिका निभाएंगे ।​


सांस्कृतिक और शिक्षा सत्र

सम्मेलन में एक Geoscience Career SymposiumBusiness Collaboration Program, और Continuing Education Courses भी होंगे। साथ ही, जयपुर की सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराने के लिए स्पाउस प्रोग्राम और सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा ।

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