Dr. Death Arrested: 50 हत्याएं, अवैध किडनी रैकेट और मगरमच्छों वाली नहर का रहस्य !
इंडिया प्राइम। देवेन्द्र सिंह जयपुर। Dr. Death Arrested । दिल्ली पुलिस ने “डॉक्टर डेथ” के नाम से कुख्यात डॉ. देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपी को एक आश्रम से गिरफ्तार किया है। वह पिछले लगभग दो सालों से पैरोल पर फरार था और साधु बनकर एक नई पहचान के साथ छिपा हुआ था।
डॉ. डेथ की कहानी: डॉक्टर से सीरियल किलर बनने तक का सफर
परिचय “डॉ. डेथ” के नाम से कुख्यात डॉ. देवेंद्र शर्मा भारत के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाला यह आयुर्वेदिक डॉक्टर, अपने मेडिकल पेशे की आड़ में किडनी रैकेट, सीरियल मर्डर और धोखाधड़ी जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा। उसकी हालिया गिरफ्तारी ने फिर से इस चौंकाने वाले केस को सुर्खियों में ला दिया है।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
- डॉ. देवेंद्र शर्मा का जन्म यूपी के अलीगढ़ जिले में हुआ था।
- उसने आयुर्वेद में BAMS डिग्री प्राप्त की और एक मेडिकल प्रैक्टिशनर के रूप में अपना करियर शुरू किया।
- शुरुआती दिनों में उसने गैस एजेंसी और कार डीलिंग के जरिए पैसे कमाने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही वह अपराध की दुनिया में चला गया।
अपराध की शुरुआत
- 1994 के आसपास, उसने अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का हिस्सा बनना शुरू किया।
- उसके ट्रांसप्लांट ऑपरेशनों की संख्या 125 से ज्यादा थी, जिनमें से अधिकतर अनैतिक और अवैध थे।
- उसे हर सफल किडनी ट्रांसप्लांट पर लाखों रुपये मिलते थे।
सीरियल किलिंग का खौफनाक राज़
- 1998 से 2004 के बीच, डॉ. शर्मा ने 50 से अधिक टैक्सी ड्राइवरों की हत्या की।
- वह उन्हें दूर-दराज़ के इलाकों में बुलाकर मार डालता और उनकी गाड़ियां बेच देता था।
- लाशों को वह मगरमच्छों से भरी नहरों में फेंक देता ताकि सबूत न मिलें।
मगरमच्छों वाली नहर में लाशें फेंकने की रणनीति
स्थान और तरीका:
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डॉ. शर्मा उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमावर्ती नहरों में लाशें फेंकता था।
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खासकर हाजरा नहर (Hazra canal) का नाम जांच में सामने आया — यह नहर मगरमच्छों से जानी जाती थी।
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वह इन नहरों को जानबूझकर चुनता था ताकि लाशों का कोई सबूत न बचे, और पोस्टमॉर्टम या पहचान संभव न हो।
अपराध छुपाने की यह ‘परफेक्ट क्राइम’ सोच:
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जब वह टैक्सी चालकों की हत्या करता था, तो उनका शव छुपाने के लिए सबसे घातक तरीका अपनाया —
मगरमच्छों को खाना बना देना। -
मगरमच्छ लाश को पूरी तरह से खा जाते हैं, जिससे कोई हड्डी, कपड़ा, सबूत नहीं बचता।
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इससे पुलिस को शिकायत की गई गुमशुदगी का सुराग भी नहीं मिलता था।
पुलिस के अनुसार:
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पुलिस ने बताया कि शर्मा ने कम से कम 40 टैक्सी चालकों को बुलाया, मारा और उनकी बॉडी को मगरमच्छों वाली नहरों में फेंका।
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कई मामलों में, पीड़ित के परिवारों को कभी यह भी पता नहीं चला कि लापता व्यक्ति के साथ क्या हुआ।
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यह तरीका 2000 के दशक की शुरुआत में सामने आया, जब कुछ शव नहर के किनारों पर अर्ध-खाई अवस्था में पाए गए।
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एक पुलिस अधिकारी के शब्दों में:
“हमने बहुत से केस देखे हैं, लेकिन इस व्यक्ति की बेरहमी और दिमागी चाल हमें चौंका गई। उसने मगरमच्छों को सबूत मिटाने का जरिया बनाया।”
मानवता को झकझोर देने वाला तरीका:
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यह केस इसलिए भी डरावना है क्योंकि यह दिखाता है कि कैसे एक पढ़ा-लिखा डॉक्टर इतना क्रूर और योजनाबद्ध हत्यारा बन सकता है।
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यह तरीका किसी फिल्म या थ्रिलर से कम नहीं, लेकिन यह सच्चाई थी — और वह कई सालों तक इससे बचता रहा।
गिरफ्तारी और जेल
- 2004 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने चौंकाने वाले खुलासे किए।
- 2013 में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- 2020 में जयपुर जेल से पैरोल पर रिहा हुआ, लेकिन फरार हो गया।
पुजारी बनकर छिपा — दौसा में गिरफ्तारी
- दो साल तक फरारी के बाद, वह राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम में छिपा हुआ पाया गया।
- उसने खुद को पुजारी के रूप में स्थापित कर लिया था।
- दिल्ली पुलिस ने मई 2025 में उसे गिरफ्तार किया।
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