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गहलोत-मोदी-ट्रंप-पर-बरसे : बोले ट्रंप ने ख़ुद ठेकेदारी ली या मोदी सरकार ने ख़ुद दी है

इंडिया प्राइम l पॉलिटिकल डेस्क l अशोक गहलोत-मोदी-ट्रंप-पर-बरसे l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के संबोधन में दिए गए भाषण के बाद आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मोदी और ट्रंप दोनों पर सीधा निशाना चाहते हुए भारत-पाकिस्तान तनाव में सीजफायर  की घोषणा को अपने पास कॉन्फ्रेंस का मुख्य मुद्दा बनाया।

गहलोत-मोदी-ट्रंप-पर-बरसे

• डोनाल्ड ट्रंप ने कौन सी ठेकेदारी ले रखी है?

• ट्रंप या तो ख़ुद ठेकेदार बन गए या हमारी चुप्पी ने उनके हौसले को बढ़ा दिया है, जिस कारण वो सीजफायर की घोषणा कर रहे हैं।

• अब ट्रंप कह रहे हैं कि कश्मीर मुद्दे को भी वे सुलझाएंगे, जबकि इससे पहले तक भारत की नीति सिर्फ द्विपक्षीय ही रही है।

• कश्मीर मसले को सुलझाने को लेकर ट्रंप जो बात कह रहे हैं, वह बहुत ही गंभीर है।

• इधर PM मोदी का संबोधन होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही ट्रंप ने ऐलान कर दिया कि हमने भारत-पाकिस्तान से कहा कि व्यापार करना है तो युद्धविराम करना होगा। इन तमाम बातों का जवाब प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहिए।

हमें पाकिस्तान की ऐसी स्थिति कर देनी चाहिए थी कि वो आतंकी घटना करने के काबिल न रहें, लेकिन अचानक सीजफायर हो गया। ट्रंप के ऐलान के बाद पूरा देश सकते में है कि आख़िर हो क्या रहा है? क्योंकि सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान का हमारे देश के ऊपर हमला जारी रहा।

इससे जुड़ी अलग-अलग बातें मीडिया में चल रही हैं, इसलिए इसके बारे में जब तक सरकार खुद नहीं बोलेगी, तब तक मीडिया के लोग सूत्रों के आधार पर लिखते रहेंगे।

देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री मोदी पर किस प्रकार का दबाव है कि वे कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहे हैं। कल प्रधानमंत्री मोदी ने जब संबोधन दिया तो उम्मीद थी कि वे इन बातों पर जवाब देंगे, लेकिन वे बोले ही नहीं इस कारण सरकार और देश को बहुत भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि सेना बहुत अच्छा काम कर रही थी, लेकिन अचानक सीजफायर कर दिया गया।

गहलोत ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा,

“देश की जनता को सच्चाई जानने का हक है। जब सीमा पर हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब बिना किसी ठोस समाधान के सीजफायर की घोषणा करना केवल चुनावी चालबाजी है। और ट्रंप के समय जो भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा बदली गई, उसका असर अब दिखाई दे रहा है।”

गहलोत-मोदी-ट्रंप-पर-बरसे किया सीजफायर पर सवाल

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच सीजफायर की घोषणा को गहलोत ने “राजनीतिक नाटक” बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सेना और देश के हित में कम, और चुनावी फायदे के लिए अधिक लिया गया है।

गहलोत ने यह भी कहा कि मोदी सरकार विदेश नीति के मुद्दों पर पारदर्शिता नहीं बरत रही है और जनता को वास्तविक परिस्थितियों से अनजान रखा जा रहा है।

ट्रंप को क्यों घसीटा गया?

गहलोत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया और कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में भारत की कूटनीतिक स्वतंत्रता कमजोर हुई थी।

“मोदी-ट्रंप की नजदीकी ने भारत की संतुलित विदेश नीति को नुकसान पहुंचाया है। आज जब वैश्विक स्तर पर रणनीतिक फैसले लेने की जरूरत है, भारत पिछड़ता दिख रहा है।”

गहलोत-मोदी-ट्रंप-पर-बरसे भाजपा की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी की ओर से गहलोत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी गई। बीजेपी प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर राजनीति कर रही है और सेना के मनोबल को गिरा रही है।

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